kargil war (1999) /कारगिल युद्ध
Kargil war
जब 1947 में इंडिया का बंंटबारा हुआ और पाकिस्तान का जन्म हुआ था कारगिल baltistan का हिस्सा था और बालटिस्तान एक लद्दाख का एक जिला था कारगिल में विभिन्न धर्म के लोग रहते थे। लेकिन इस जगह की जनसंख्या बहुत कम थी क्योंकि इस जगह पर बहुत ऊंची ऊंची पहाड़ियां थी। जब 1947 में इंडिया चाइना युद्ध हुआ तभी एक LOC (line of control) बना। LOC वह रेखा है जो भारत और पाकिस्तान के नियंत्रित जम्मू और कश्मीर केे भागो के बीच है तथा इंडियाा के पास कश्मीर का 75% हिस्सा तथा पाकिस्तान के पास 25% भाग था एलओसी इन दोनों के बीच की रेखा है। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के हार के बाद दोनों देशों में एक शिमला एग्रीमेंट साइन किया था शिमला एग्रीमेंट साइन में दोनों देशों ने बात की थी कि एलओसी पर कभी नहीं लड़ेंगे। कारगिल श्रीनगर से ढाई सौ किलोमीटर दूर है तथा कारगिल का टेंपरेचर बहुत ही बर्फीला है तथा बाद में फिर दोनों देशों में तनाव बढ़ने के कारण सन 1999 में घोषणा पत्र पर दस्तखत करने पड़े जिसे लाहौर डिक्लेरेशन कहा। जिसमें लिखा था कि दोनों ही देश कश्मीर का मुद्दा बातचीत करके सो जाएंगे सुलझाएंगे। कुछ समय बाद पाकिस्तान को कश्मीर के ऊपर अधिक नियंत्रण चाहिए था और उसने फिर अपने सैनिकों कोोो प्रशिक्षण करके छुपकर कश्मीर में भेज दिया तथा इसको उन्होंने operation Badr नाम दिया। तथा हमेेेेेेेशा की तरह युद्ध के बाद Pakistan के Prime Minister नवाज शरीफ ने यह दावा किया की उनको इस युद्धध की योजना के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं थी तथा उनको इस युद्ध के बारे में तब पता चला जब अटल बिहारी बाजपेई, का उनको फोन आया लेकिन मुशर्रफ ने यह बताया कि नवाज शरीफ को कारगिल के युद्ध केेे बारे में पहले से पता था। कारगिल के युद्ध के 3 अलग अलग भाग थे। * पाकिस्तान ने इंडिया के नियंत्रित कश्मीर में घुसपैठ की। * इंडिया को पता चला कि पाकिस्तान ने घुसपैठ की है तो उसने अपनीी सेना को प्रतिक्रिया देने को भेजा। * इंडिया पाकिस्तान की सेना के बीच लड़ाई और पाकिस्तान का फिर से ज्यादातर इलाकों में कब्जा करना। ठंड के मौसम में कश्मीर का तापमान बहुत कम हो जाताा है और दोनों ही देश आगे आगे के पोस्ट को छोड़ देते हैं ताकि ठंड से बचे रहें। तथा पहरेदारी भी कम कर देते हैं तथा जब फरवरी आई तो पाकिस्तान की आर्मी ने खुद के पोस्ट पर कब्जे के साथ ही इंडियन पोस्ट पर भी कब्जा कर लिया था। एलिट्स पैसेस और 7 बटालियन ने चुपके से इंडिया के नियंत्रित क्षेत्र जाकर अपनेेे काम को अंजाम दिया । तथा पता चला कि इस ऑपरेशन में कश्मीरी guerrillas And Afghani terrorists का भी हाथ था। काफी दिनों तक तो indian army को पता ही नहीं चल पाया कि उनकी पोस्ट पर कब्जा कर लिया है लेकिन मई के पहले हफ्ते में पता चलने पर युद्ध शुरू हो गया था और लगभग 50 दिनों तक यह युद्ध चला । इस ऑपरेशन को इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन विजय नाम दिया था तथा एयर फोर्स में स्कोर ऑपरेशन सफेद सागर नाम दिया था।
जब 1947 में इंडिया का बंंटबारा हुआ और पाकिस्तान का जन्म हुआ था कारगिल baltistan का हिस्सा था और बालटिस्तान एक लद्दाख का एक जिला था कारगिल में विभिन्न धर्म के लोग रहते थे। लेकिन इस जगह की जनसंख्या बहुत कम थी क्योंकि इस जगह पर बहुत ऊंची ऊंची पहाड़ियां थी। जब 1947 में इंडिया चाइना युद्ध हुआ तभी एक LOC (line of control) बना। LOC वह रेखा है जो भारत और पाकिस्तान के नियंत्रित जम्मू और कश्मीर केे भागो के बीच है तथा इंडियाा के पास कश्मीर का 75% हिस्सा तथा पाकिस्तान के पास 25% भाग था एलओसी इन दोनों के बीच की रेखा है। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के हार के बाद दोनों देशों में एक शिमला एग्रीमेंट साइन किया था शिमला एग्रीमेंट साइन में दोनों देशों ने बात की थी कि एलओसी पर कभी नहीं लड़ेंगे। कारगिल श्रीनगर से ढाई सौ किलोमीटर दूर है तथा कारगिल का टेंपरेचर बहुत ही बर्फीला है तथा बाद में फिर दोनों देशों में तनाव बढ़ने के कारण सन 1999 में घोषणा पत्र पर दस्तखत करने पड़े जिसे लाहौर डिक्लेरेशन कहा। जिसमें लिखा था कि दोनों ही देश कश्मीर का मुद्दा बातचीत करके सो जाएंगे सुलझाएंगे। कुछ समय बाद पाकिस्तान को कश्मीर के ऊपर अधिक नियंत्रण चाहिए था और उसने फिर अपने सैनिकों कोोो प्रशिक्षण करके छुपकर कश्मीर में भेज दिया तथा इसको उन्होंने operation Badr नाम दिया। तथा हमेेेेेेेशा की तरह युद्ध के बाद Pakistan के Prime Minister नवाज शरीफ ने यह दावा किया की उनको इस युद्धध की योजना के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं थी तथा उनको इस युद्ध के बारे में तब पता चला जब अटल बिहारी बाजपेई, का उनको फोन आया लेकिन मुशर्रफ ने यह बताया कि नवाज शरीफ को कारगिल के युद्ध केेे बारे में पहले से पता था। कारगिल के युद्ध के 3 अलग अलग भाग थे। * पाकिस्तान ने इंडिया के नियंत्रित कश्मीर में घुसपैठ की। * इंडिया को पता चला कि पाकिस्तान ने घुसपैठ की है तो उसने अपनीी सेना को प्रतिक्रिया देने को भेजा। * इंडिया पाकिस्तान की सेना के बीच लड़ाई और पाकिस्तान का फिर से ज्यादातर इलाकों में कब्जा करना। ठंड के मौसम में कश्मीर का तापमान बहुत कम हो जाताा है और दोनों ही देश आगे आगे के पोस्ट को छोड़ देते हैं ताकि ठंड से बचे रहें। तथा पहरेदारी भी कम कर देते हैं तथा जब फरवरी आई तो पाकिस्तान की आर्मी ने खुद के पोस्ट पर कब्जे के साथ ही इंडियन पोस्ट पर भी कब्जा कर लिया था। एलिट्स पैसेस और 7 बटालियन ने चुपके से इंडिया के नियंत्रित क्षेत्र जाकर अपनेेे काम को अंजाम दिया । तथा पता चला कि इस ऑपरेशन में कश्मीरी guerrillas And Afghani terrorists का भी हाथ था। काफी दिनों तक तो indian army को पता ही नहीं चल पाया कि उनकी पोस्ट पर कब्जा कर लिया है लेकिन मई के पहले हफ्ते में पता चलने पर युद्ध शुरू हो गया था और लगभग 50 दिनों तक यह युद्ध चला । इस ऑपरेशन को इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन विजय नाम दिया था तथा एयर फोर्स में स्कोर ऑपरेशन सफेद सागर नाम दिया था।