Depression/डिप्रेशन
डिप्रेशन एक biopsychological problem है। या तो यह जन्म से ही होती हैं और फिर बाद में condition ठीक न होने पर सामने आ जाती है। ये हम सभी जानते है कि सभी की life में अच्छा समय ही नहीं होता है सबकी life में बुरा बक्त भी आता है और वो हमारे लिए अच्छा नही होता है। और उस समय हम अच्छा महसूस नही कर पाते हैंऔर फिर उदास हो जाते है , इसे डिप्रेशन नहीं कहते हैं। लेकिन ये बुरा वक्त काफी लम्बे समय तक रहे और आपकी ये बुरी feeling लम्बे समय तक आपके साथ रहे और अगर हमारे जीवन में कितनी भी खुशियां आ जाएं जैसे कि कोई त्यौहार , पार्टी ,आदि आ जाए फिर भी हम मन से खुश नहीं हो पाते हैं तो ये ही समस्या डिप्रेशन का रूप ले लेती है। symptoms of depression sadness अगर आपको मन में खालीपन या उदासी महसूस हूं और आपको यह लगे कि आपके साथ कोई नहीं है आप अकेले हैं तो समझ जाइए कि आप डिप्रेशन का शिकार है। fear from socialization अगर आप घर से बाहर नहींं निकलना चाहते तथा बाहर सभीी दोस्तों या फिर अन्य लोगों से बात ही नहीं करना चाहते हैं या फिर बाहर जाने में आपको एक डर महसूस होता है तो यह एक डिप्रेशन का साइन है। Insomnia यह अभी डिप्रेशन का एक साइन है इसमें क्या होता है कि आपको नींद नहीं आती रातों की भी नींद कुछ उछट जाती है तो बहुत समय तक नींद ना आए आए तो समझ जाइए यह आपके लिए नुकसानदायक है। Anxiety & mood off अगर आप हमेशा नर्वस महसूस करते हैं या फिर मन में यह ख्याल आता रहे कि कुछ अच्छा नहीं होने वाला है बिना बात के मूड ऑफ रहता है तो यह आपके लिए ठीक नहीं है। Suicide thoughts अगर आपके मन में बार-बार सुसाइड थॉट आए ,कि अब कुछ नहीं बचा है, अब जीने में क्या रखा है, मेरा कोई नहीं है ,आदि ऐसे ही negative thought आते हैं तो यह सीरियसली डिप्रेशन के साइन है इसके अलावा डिप्रेशन के मुख्य लक्षण होते हैं जो कि हमारी लाइफ को झकझोर कर रख देते हैं। Eg: बार-बार इरिटेशन फ्रस्ट्रेशन और एग्रेसिव हो जाना। Causes इस बीमारी के दो कंपोनेंट होते हैं - एक तो बायो लॉजिकल causes , दूसरा साइकोलॉजिकल causes. Biological causes वे होते हैं जिनमें हमारे दिमाग के अंदर changes होते हैं और दिमाग में केमिकल चेंज होते हैं जिनसे यह दिक्कत होती है यह तीन केमिकल पाए गए हैं- serotonin, norepinephrine & dopamine abnormalities. अगर इन तीनों केमिकल्स की दिमाग में कमी हो जातीी है तो depression के लक्षण आ जाते हैं। इसके अलावा साइकोलॉजिकल कॉसेस मे सबसे महत्वपूर्ण causes यह पाया जाता है कि अगर लाइफ में कुछ गलत हुआ या फिर विपरीत परिस्थिति आई तो नेगेटिव विचार आने शुरू हो जाते हैं और यह negative thought डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ा देते हैं । और यह हमारे बायो और साइकोलॉजिकल causes ही depression को कंटिन्यू करते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले तो खुद को वीक समझ ना छोड़ दे। अपने बारे में खराब सोचना बंद कीजिए, गिल्टी फील करना बंद करिए, यह एक बीमारी है और इसे भी अन्य बीमारियों की तरह ही treat करना पड़ेगा। Treatment इसके treatment के लिए 2 तरीके होते हैं एक तो दवाइयां होती हैं जोकि chemicals को इनक्रीस करती हैं और सेकंड तरीका होता है काउंसलिंग का। जिससे आप psychotherapyation के पास जाते हैं जिससेेे वहां आपके thoughts को समझा जाता है और आपके मन से नेगेटिव थॉट्स को बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जाती है और जब आप दवाइयों के इलाज को और काउंसलिंग को मिलाकर ट्रीट लेते हैं तो आप बिल्कुल ठीक हो सकते हैं ।